---------- Forwarded message ----------
From: UNKNOWN IDENTITY <sincerelysaini@gmail.com>
Date: 2012/8/5
Subject: an imortant message to swamiji...
To: divyayoga@rediffmail.com
Cc: bharatswabhimanheadoffice@gmail.com
From: UNKNOWN IDENTITY <sincerelysaini@gmail.com>
Date: 2012/8/5
Subject: an imortant message to swamiji...
To: divyayoga@rediffmail.com
Cc: bharatswabhimanheadoffice@gmail.com
नमस्कार,
स्वामी जी कुछ दिन पहले आपका आस्था टी.वी.चैनल पर भारत स्वाभिमान के कार्यकर्ताओं को 9 अगस्त के बारे में संबोधित करते हुए सुना | स्वामी जी आप और राजीव दीक्षित जी एक बात पर सहमत है कि जब तक व्यवस्था परिवर्तन या कानून को सुधारा नहीं जाएगा तब तक कोई भी केवल एक मुद्दे पर आन्दोलन करना उचित नहीं होगा | और चूँकि हमारे पास कोई कानून है ही नहीं जिससे कि काला धन आ सके या आने के बाद वापस चला न जाए इसको रोकने के लिए, इसलिए हमें क्रांति करके ऐसा कानून बनाना चाहिए कि उस कानून के आ जाने के बाद नागरिकों के पास ऐसी शक्ति आ जाए ताकि उन्हें अपना मांग या देश हित के कानून बनाने के लिए बार-बार रास्ते में उतरना न पड़े और न ही किसी मंत्री या न्यायधीश के पास जाकर भीख माँगना पड़े |
स्वामी जी आपने कहा है कि 9 अगस्त की क्रांति आर-पार की होगी | तो स्वामी जी अभी हमारे देश में अच्छे कानूनों का अभाव है और स्वामी जी यह हमेशा संभव नहीं होता कि हर एक मुद्दे पर हजारों लाखो की संख्या को इकठ्ठा करके क्रांति करना | स्वामी जी एक प्रस्तावित कानून (Transparent Complaint Procedure - TCP) है जो कि मात्र ३ लाइन का है और यदि यह कानून एक बार आ गया तो हम सारे अच्छे कानून और व्यस्था परिवर्तन इसके मदद से ३ या ४ महीने में करवा सकते हैं |
मै इस पत्र के साथ, ३ लाइन के कानून (TCP) का पृष्ठ भी अटैचमेंट में भेज रहा हूँ | अधिक जानकारी के लिए कृपया यह लिंक देखिये - righttorecall.info/001.hl.pdf या मुझे संपर्क करे |
अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न- www,righttorecall.info/004.h.pdf
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सम्पूर्ण `जनता की आवाज़`पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) ड्राफ्ट
[अधिकारी]
प्रक्रिया
1. [ कलेक्टर (और उसके क्लर्क) ]
कोई भी नागरिक मतदाता यदि खुद हाजिर होकर यदि अपनी सूचना अधिकार का आवेदन अर्जी या भ्रष्टाचार के खिलाफ फरियाद या कोई भी हलफ़नामा / एफिडेविट कलेक्टर को देता है तो कोई भी दलील दिये बिना कलेक्टर ( या उसका क्लर्क ) उस हलफ़नामा / एफिडेविट को प्रति पेज 20 रूपये का लेकर सीरियल नंबर दे कर पधानमंत्री वेबसाइट पर रखेगा।
2. [पटवारी (तलाटी ,लेखपाल) और उसका क्लर्क ]
कोई भी नागरिक मतदाता यदि धारा-1 द्वारा दी गई अर्जी या फरियाद या हलफ़नामा / एफिडेविट पर आपनी हाँ या ना दर्ज कराने मतदाता कार्ड लेकर आये, 3 रुपये का शुल्क लेकर पटवारी नागरिक का मतदाता संख्या, नाम, फोटो, अंगुली के छाप , उसकी हाँ या ना को कंप्यूटर में दर्ज करेगा। नागरिक की हाँ या ना प्रधानमंत्री की वेब-साईट पर आएगी। पटवारी नागरिक की हाँ या ना 3 रूपये देकर बदलेगा। गरीबी रेखा नीचे के नागरिको से शुल्क 1 रूपये का होगा।
3. ----------------
ये कोई रेफेरेनडम/जनमत-संग्रह नहीं है | यह हाँ या ना अधिकारी, मंत्री, न्याधीश, सांसद, विधायक, आदि पर अनिवार्य नही होगी। लेकिन यदि भारत के 37 करोड़ मतदाता, वृद्ध मतदाता या कोई भी 37 करोड़ नागरिक मतदाता कोई एक अर्जी, फरियाद पर हाँ दर्ज करे तो पधानमंत्री उस फरियाद, अर्जी पर ध्यान दे सकते हैं या इस्तीफा दे सकते हैं या उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता नहीं है । उनका निर्णय अंतिम होगा।
मांग किये गये इस `जनता की आवाज़` सरकारी हुक्म(राजपत्र अधिनियम) का सार है :-
- यदि नागरिक चाहे तो अपनी फरियाद 20 रूपये हर पेज देकर कलेक्टर की कचहरी जाकर पधानमंत्री के वेबसाइट पर रखवा सकेगा।
- यदि नागरिक चाहे तो 3 रुपये का शुल्क देकर फरियाद पर अपनी हाँ/ना पधानमंत्री वेबसाइट पर दर्ज करवा सकेगा।
- हाँ/ना पधानमंत्री पर अनिवार्य नहीं है।
ये पारदर्शी शिकायत/प्रस्ताव प्रणाली(सिस्टम) ये पक्का करेगा कि नागरिकों की शिकायत/प्रस्ताव हमेशा दृश्य है और जाँची जा सकती है कभी भी ,कहीं भी, किसी के भी द्वारा ताकि शिकायत को कोई नेत्ता, कोई बाबू(लोकपाल आदि) ,कोई जज या मीडिया न दबा सके |
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